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गुलाबी रंग – सुन्दर , मनमोहक और सौभाग्य का प्रतीक

मेरी आवाज़
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यह ब्लॉग न तो किसी कांटेस्ट में भाग लेने के ले है और न ही हम उस के हकदार हैं | भई जब असली मुकाबला हुआ था ब्लॉग-स्टार का तब तो हम यहां थे ही नहीं और जब यहां पहुंचे तो तो ख़त्म होने में दो ही दिन बाकी थे तो हम भला कितना भागते , अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करते और कोइ ट्रेन क्या हवाई जहाज भी पकड़ते तो भी अन्य प्रतिभागियों के आस-पास भी नहीं फटक सकते थे , फटक भी जाते तो हमें तब वहां पहचानने वाला कोइ न था , सो मन मसोस कर चुप-चाप बैठे रहने में ही भलाई समझी और ठान लिया हम न भागेंगे बस अच्छे दर्शक बनकर ब्लोग्स्तार दौड़ को देखने का आनंद लेंगे और हमने वही किया | मुकाबला ख़त्म ब्लाग्स्पति भी घोषित हो गए | हमारी सभी विजेताओं को ह्रदय से बधाई |

अब कुछ दिन पहले मुझे नहीं पता किसनें टॉप टेन विजेताओं को चैलेन्ज दिया –पिंक द कलर ऑफ़ प्रोस्पेरैटी | अब यह कांटेस्ट तो टॉप टेन ब्लोगर्स के लिए ही था , हम इसका हिस्सा नहीं बन सकते थे | बहुत दुःख हुआ मुझे , अगर ये प्रतियोगिता सबके लिए खुली होती तो हम बाकी ब्लोगर्स मिलकर जागरण को पूरा का पूरा गुलाबी रंग से ही रंग देते | सोचा था प्रथम दस विजेताओं की उलाबी रंग की होली देखने में khoob majaa  आएगा | हमनें होली स्पेशल ड्रेस भी बनवा लिया की शायद सौभाग्य से कुछ छींटे हम पर भी पड़ें और गलती से हमें भी कोइ टॉप ब्लोगर समझ ले | यहाँ भी हमें निराश ही होना पडा | खुराना जी नें चोला बनाया और ललारी को गुलाबी रंग रंगने को दे दिया मेरा रंग दे गुलाबी चोला | स्वयम बतियाने में मस्त तो ललारी सुनने में और चोले को रंगना भूल ही गए | खुराना जी बेचारे किसी तरह जुगाड़ कर एक गुलाब का फूल चोले पर टांग निकल लिए मैदाने जंग में और बाकी किसी नें अपनी हाजिरी भी नहीं लगाई ( क्षमा चाहूंगी अगर मैं गलत हूँ तो , आप मेरी गलती सुधार सकते हैं ) क्योंकि खुराना जी एक ही मैदाने जंग में उतरे और बिना लड़े जीत गए और हम रंग की इंतज़ार में खड़े-खड़े लाल ,गुलाबी , पीले न जाने क्या-क्या हो गए ? अब इतनी मेहनत से हमनें अपनी ड्रेस बनवाई थी , पर यहाँ तो सब उलटा हो गया | अब क्या करें , जब तक हम बात को नीम्बू के रस की तरह अच्छी तरह से निचोड़ नहीं लेते हमें चैन नहीं मिलता , और आजकल के मंहगाई के जमाने में अगर हम किसी भी चीज को यूं ही आया-जाया करेंगे तो कैसे जिएंगे | बस हमनें तो अपनी ड्रेस का इस्तेमाल करना ही है तो सोचा खुद ही अपने ऊपर क्यों न रंग डाल लें |

और उसका रास्ता भी हमने निकाल ही लिया ……कृपया टॉप टेन ब्लोगर्स निम्न लेख न पढ़ें , न तो ये किसी प्रतियोइता के लिए है न ही हमने किसी चैलेन्ज को स्वीकारा है , बस गुलाबी रंग हमें बहुत प्रिय है , उसको देखना चाहते हैं , सो हम ही डाल देते हैं………….

गुलाबी रंग – सुन्दर , मनमोहक और सौभाग्य का प्रतीक

एक गुलाबी मेरा सबसे प्रिय रन्ग । न केवल सौभाग्य का प्रतीक है , बल्कि इसकी शोभा हर रन्ग से न्यारी है । गुलाबी गालों पर युगों-युगान्त्रों से देव-दानव सभी मदमस्त हो झूमने लगते थे । गुलाबी रंग हर सुहागिन के सुहाग का प्रतीक भी है । मुझे याद है जब हम छोटे थे तो विवाह शादी में लडकी के लिए गुलाबी पहनावा खासतौर पर बनवाया जाता था ताकि अपने नए घर में जाकर वह गुलाबी रंग की भान्ति खिलती रहे और सबको खुशियां बांट सके । समय बदला सोच बदली , आज भले ही गुलाबी रंग का वो महत्तव न रह गया हो लेकिन अपनी पहचान ज्यों की त्यों बनाए हुए है । आज गुलाबी रंग को पूरे विश्व में प्यार का प्रतीक माना जाता है । प्यार से बढकर दुनियां में कोई पवित्र रिश्ता नहीं अगर उसे वासना की सीमाओं के बाहर निकल कर समझा जाए तो । गुलाबी रंग अनायास ही सबको आकर्षित कर ही लेता है । खिला हुआ गुलाब किसे आकर्षित नहीं करता । गुलाबी रंग लिए गुलाब ही है जो भगवान के चरणों में सुशोभित हो मन्दिर को भी महका देता है । मासूम से बच्चे के गुलाबी होंठों पर मुस्कान देखकर किसका मन अनयास मुस्कुरा नहीं देता । गुलाबी आंखों का नशा किसको मदमस्त नहीं कर देता । गुलाबी रंग की आभा अगर साधारण से मुखम्ण्डल पर भी पडती है तो उसके सौन्दर्य को चार चान्द लग जाते हैं । श्री क्र्ष्ण जी नें भी तो राधा जी पर गुलाब का गुलाबी रन्ग डाल कर अपने प्यार का इजहार किया था और आज तक होली जैसे पावन त्योहार की शान बना गुलाबी रन्ग भाईचारा तथा आपसी प्रेम-प्यार बढाकर मिलकर रहने का सन्देश देता है । हल्का गुलाबी रन्ग आंखो को शीतलता प्रदान करता है , वातावरण में ऊर्जा का संचार करता है , कोमल भावनाओं का संचार करता है । सौभाग्यवती नारी के गाल जब शर्माते हुए गुलाबी हो जाएं तो कामदेव भी मंत्रमुग्ध हो उठे और जब हंसे तो गुलाबी गालों की शोभा से कामदेव का गर्व भी चूर-चूर हो जाए । यू. एस. जैसे देश में गुलाबी रन्ग को नन्ही-मुन्नी प्यारी सी गुडिया का रन्ग माना जाता है , जो हर तरह से सुन्दर है । गुलाबी गाल अच्छी सेहत का प्रतीक भी होते हैं तो थोडा गहरा गुलाबी रन्ग खुशी का प्रतीक होता है । भारत तो रीति रिवाजों , त्योहारों का देश है और हर रीति रिवाज , त्योहार के पीछे कोई न कोई रहस्य छिपा होता है । जब नव-वधु घर आती है तो पैर गुलाबी रन्ग में रंगा कर ( जिसे लक्ष्मी स्वरूप माना जाता है) पूरे घर में उसके पद-चिन्ह लगाए जाते हैं ताकि लक्ष्मी इन गुलाबी पद-चिन्हों की भान्ति सदैव घर में विराजमान रहे और घर में खुशियां गुलाबी रन्ग की तरह  महकती रहें ।

तो देखा आपने गुलाबी रन्ग न केवल सुन्दरता का प्रतीक है बल्कि मनमोहक भी है और सौभाग्य का प्रतीक भी

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