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इक चूहे नें बिल्ली पाली- बाल कविता

मेरी आवाज़
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नमस्कार बच्चो ,
आपने उस बिल्ली की कहानी सुनी होगी जो बहुत से चूहे मार कर खा जाती थी , पर क्या ऐसे चूहे की कभी कहानी सुनी , जिसनें बिल्ली को अपने घर में पाला ? क्या , नहीं सुनी । कोई बात नहीं मैं सुनाती हूं आपको ऐसी ही एक कहानी –

इक चूहे नें बिल्ली पाली

आधी पीली आधी काली

पीती दूध औ खाए मलाई

अच्छी लगती उसे मिठाई

मैगी नूडल्स पिज़्ज़ा बर्गर

बातें करती वो फ़र्र-फ़र्र

करती वो दिन भर आराम

नहीं आती वो किसी के काम

चूहे नें कुछ दिन की सेवा




दिया मलाई फ़ल औ मेवा

खाकर बिल्ली हो गई मोटी

हुई चूहे पर नियत खोटी

पलक झपकते पकड के खाया

अपना ही तो दांव गंवाया

अब न मिलता रोटी सूखी

दिन भर रहती बिल्ली भूखी

सूख के हो गई दुबली पतली

दिख गया अपना चेहरा असली

अपनी करनी का फ़ल पाया

बिल्ली नें सब कुछ गंवाया

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