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मुझे जीने दो

मेरी आवाज़
मेरी आवाज़
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१.स्रष्टा की भी जननी जो

क्यों उपेक्षित कन्या वो
२.बेटी कुदरत का उपहार

न करो उसका तिरस्कार

३.जो बेटी को दे पहचान

माता-पिता वही महान

४.बेटी का जीवन बचाओ

मानव दुनिया मेंकहलाओ

५.पुत्रों से पुत्री बढ़कर

माता-पिता की करे फिक्र

करती सच्चे दिल से प्यार

फिर उसका हो क्यों तिरस्कार

६.जीने का उसको भी अधिकार

चाहिए उसे थोडा सा प्यार

जन्म से पहले न उसे मारो

कभी तो अपने मन में विचारो

शायद वही बन जाए सहारा

डूबते को मिल जाए किनारा

७.हर क्षेत्र में लडंकी आगे

फिर क्यों हम लड़की से भागें

८.दुनिया मे उसे आने तो दो

चैन से उसको जीने तो दो

करेगी वो भी ऊँचा नाम

आएगी दुनिया के काम

९.अति उत्तम बेटी का धन

कर देती मन को पावन

१०.जिस घर मे बेटी आई

समझो स्वयं लक्ष्मी आईं

११.बेटी तो घर में ज़रूरी है

वो नहीं कोई मजबूरी है

१२.बेटी-बेटे का त्यागो भ्रम

लेने दो बेटी को जन्म

१३.बेटों से भी बेटी भली

क्यों जन्म से पूर्व उसकी बलि

१४.बेटी को सम्मान दो

जीवन उसको दान दो



मुझे
जीना है
मुझे जीने दो

हे जननी
तुम तो समझो
मुझे दुनिया मे आने तो दो

तुम
जननी हो माँ
केवल एक बार तो
मान लो मेरा भी कहना

नही
सह सकती मैं
और बार-बार अब
और नही मर सकती मैं

कोई
तो मुझे
दे दो घर में शरण
अपावन नही हैं मेरे चरण

क्यों
हर बार मुझे
तिरस्कार ही मिलता है?
मेरा आना सबको ही खलता है

हे जनक
मैं तुम्हारा ही तो
बोया हुआ बीज हूँ
नही कोई अनोखी चीज़ हूँ

बोलो
मेरी क्या ग़लती है?
क्यों केवल मुझे ही
तुम्हारी ग़लती की सज़ा मिलती है?

कब तक
आख़िर कब तक
मैं यह सब सहून्गी?
दुनिया में आने को तड़पती रहूंगी?

क्या
माँ का गर्भ ही
है मेरा सदा का ठिकाना?
बस वहीं तक होगा मेरा आना जाना?


नही खोलूँगी मैं
आँख दुनिया में कभी?
क्यों निर्दयी बन गये हैं माँ बाप भी?

कहाँ तक
चलेगी यह दुनिया
बिना बेटी के आने से?
बेटी बन कर मैने क्या पाया जमाने से?

मैं
दिखाऊंगी नई राह
दूँगी नई सोच जमाने को
मुझे दुनिया में आने तो दो

मैं
जीना चाहती हूँ
मुझे जीने तो दो

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