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समंदर में समा के………?

मेरी आवाज़
मेरी आवाज़
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हे ???? वासी आतंकवादी आका
जुल्म के सरताज
धरा लोक वासियों में
दहशत फैलाने वाले
दुनिया में सर्वशक्तिमान(?)को भी
नाकों चने चबाने वाले
निश्चय ही तुमसा बलशाली
कोइ न था
न जाने किस राक्षस का
अवतार थे तुम
जिसकी मुक्ति भगवान के हाथों
न लिखी थी
हे निर्मोही
तुमनें विश्व में अशांति फैलाई
और तुम्हारे हिस्से
दो गज जमीन भी न आई
रातों की नींद हराम करने वाले
तुमनें रात के अँधेरे में
अपनी जान गंवाई
ताउम्र आतंक मचाने वाला
बन गया जल जीवों का निवाला
तुम्हें शायद वो भी नहीं खा पाएंगे
भूखे मर जाएंगे लेकिन
तुम्हारी छूत की बीमारी से
अवश्य स्वयम को बचाएंगे
गलती से तुम्हारा स्वाद
किसी नें चख भी लिया तो
समुंद्री तूफ़ान आ जाएगा
सिन्धु की बलखाती लहरों में
आतंक मच जाएगा
समंदर में समा कर भी
तुम्हारा नाम कहाँ मिट जाएगा ?

२. तुम समंदर में समा गए
बहुत सारे कारनामे सामने आ गए
पनाहगार की हालत खराब है
उसके पास नहीं कोइ जवाब है
वो मजे से सोता ही रह गया
और उसका घर कोइ लूट ले गया
भीगी बिल्ली म्याऊँ भी न कर पाई
एक रोटी का टुकड़ा देख दुम हिलाई
अब खिसियानी बिल्ली
खम्भा नोच रही है
अपने ही पड़ोसी को
कोस रही है
नहीं जानती सामने
उसके चूहे नहीं शेर हैं
तुम्हें नोच कर खाने में उनको
लगती नहीं देर है
हम रात के अँधेरे में नहीं
दिन के उजाले में ललकारते हैं
हम पीठ पे नहीं छाती में
छुरा मारते हैं
हम चोरी नहीं उसके सामने
हमारे दिए घर में
घुस कर दिखाएंगे
केवल दुश्मन नहीं पकड़ेंगे
बल्कि अपना घर वापिस पाएंगे
तुम हाथ मलते रह जाओगे
फिर तुम समंदर में नहीं
हिन्दुस्तान में समाओगे |
JAI HIND

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